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धान की खेती करीब 166.06 लाख हेक्टेयर में हुई है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 155.65 लाख हेक्टेयर में खेती हुई थी। साथ ही, दलहन की खेती 85.79 लाख हेक्टेयर में हुई है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 70.14 लाख हेक्टेयर में खेती हुई थी।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने 19 जुलाई तक खरीफ फसलों के अंतर्गत क्षेत्र कवरेज की प्रगति जारी की है, जिसमें दिखाया गया है कि बेहतर मानसून वर्षा के कारण धान का कवरेज क्षेत्र सात प्रतिशत बढ़कर 166.06 लाख हेक्टेयर हो गया।
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल 19 जुलाई तक खरीफ की प्रमुख फसल धान की बुवाई 155.65 लाख हेक्टेयर में हुई थी। साथ ही, दालों का रकबा पिछले सीजन के 70.14 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 85.79 लाख हेक्टेयर हो गया है। दालों में, अरहर का रकबा 19.34 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 33.48 लाख हेक्टेयर हो गया है।
मंत्रालय के आंकड़ों के हवाले से एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि मोटे अनाज की बुवाई का रकबा हालांकि एक साल पहले के 134.91 लाख हेक्टेयर की तुलना में कम होकर 123.72 लाख हेक्टेयर रह गया।
गैर-खाद्य श्रेणी में तिलहनों का कवरेज क्षेत्र इस वर्ष अब तक अधिक है। खरीफ की बुआई पिछले साल की समान अवधि में 150.91 लाख हेक्टेयर की तुलना में इस सीजन में 163.11 लाख हेक्टेयर में रकबा बढ़ा है। तिलहनों में सोयाबीन का रकबा 108.97 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 119.04 लाख हेक्टेयर हो गया है।
कपास की खेती का रकबा अब तक कम हुआ है खरीफ मौसम विज्ञप्ति में कहा गया है कि 105.66 लाख हेक्टेयर के मुकाबले इस बार 102.05 लाख हेक्टेयर पर बुवाई हुई है। लेकिन कुल मिलाकर, सभी खरीफ फसलों के लिए कुल कवरेज क्षेत्र चालू खरीफ बुवाई सीजन के 19 जुलाई तक बढ़कर 704.04 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि के दौरान यह 680.36 लाख हेक्टेयर था।
यदि कटाई तक मौसम की स्थिति अनुकूल बनी रहे तथा घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए खाद्य तेलों और दालों के आयात में कमी आए तो दलहन और तिलहन फसलों की खेती के लिए अधिक क्षेत्र उपलब्ध होने से बंपर उत्पादन हो सकता है।
पहली बार प्रकाशित: 20 जुलाई 2024, 12:52 IST
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