ओलिंपिक इतिहास में पहली बार स्टेडियम के बाहर ओपनिंग सेरेमनी: पेरिस की सीन नदी में परेड, 206 देशों के 10,500 एथलीट्स लेंगे हिस्सा

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स्पोर्ट्स डेस्क2 मिनट पहले

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पेरिस ओलिंपिक की ओपनिंग सेरेमनी परेड में भारत का दल 84 नंबर पर दिखाई देगा। फ्रांस ने 34वें ओलिंपिक गेम्स की शानदार तैयारी कर इसे ऐतिहासिक बना दिया। 129 साल के ओलिंपिक इतिहास में ओपनिंग सेरेमनी पहली बार स्टेडियम के अंदर नहीं, बाहर होगी। सेरेमनी पेरिस की सीन नदी से शुरू होगी।

सीन नदी पर नावों के सहारे 206 देश और एसोसिएशन के 10,500 एथलीट्स परेड करेंगे। जो शहर के बीचों-बीच उद्घाटन प्रोग्राम का लुत्फ उठाएंगे। परेड 6 किमी. लंबी होगी। जिसे देखने के लिए रिकॉर्ड 3 लाख दर्शकों के पहुंचने की संभावना है।

स्टोरी में ओपनिंग सेरेमनी की खास बातें, इतिहास और दिलचस्प फैक्ट्स …

1. ओपनिंग सेरेमनी कहां होगी?
फ्रांस की राजधानी पेरिस में 26 जुलाई को रात 11 बजे से ओपनिंग सेरेमनी शुरू होगी। इतिहास में पहली बार स्टेडियम से बाहर निकलकर नदी और सड़कों पर परेड ऑफ नेशंस और प्रोग्राम होंगे। सीन नदी से शुरू होकर 6 किमी लंबी परेड ट्रोकेडारो गार्डन तक चलेगी। इसमें 10 हजार से ज्यादा एथलीट्स हिस्सा लेंगे।

सेरेमनी में 120 से ज्यादा देशों के नेता और प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल होंगे। परेड खत्म होने के बाद कुछ देर फ्रांस का कल्चर दर्शाते डांस और सिंगिंग प्रोग्राम होने हैं। सेरेमनी करीब 2 घंटे तक चलेगी। फ्रांस ने 2024 ओलिंपिक का स्लोगन ‘गेम्स वाइड ओपन’ रखा है। जिसका मतलब है, खेल पूरी तरह से खुल चुके हैं।

2. सेरेमनी में अलग क्या?

  • परेड ऑफ नेशंस: सभी एथलीट्स करीब 94 नावों में बैठकर सेरेमनी का हिस्सा बनेंगे। नावों में कैमरे लगे हैं, जिनसे परेड ऑफ नेशंस में हर देश के खिलाड़ियों को टीवी पर और ऑनलाइन देख सकेंगे। परेड में एथलीट्स सीन नदी पर नावों के सहारे शहर में घूमते हुए ट्रोकेडारो गार्डन पहुंचेंगे। यहीं ओपनिंग सेरेमनी का फाइनल शो होगा।
  • स्टेडियम के बाहर सेरेमनी: 1896 में पहले ओलिंपिक से लेकर 2020 तक ओपनिंग सेरेमनी स्टेडियम के अंदर हुई। इतिहास में पहली बार सेरेमनी पेरिस के बीचों-बीच बनी फेमस सीन नदी से शुरू होगी। सड़कों पर भी पहली बार ही कल्चरल प्रोग्राम होंगे।
  • नदी प्रदूषित नहीं, यह बताने के लिए मेयर ने तैराकी की: नदी की शुद्धता बताने के लिए पेरिस की मेयर एनी हिडाल्गो ने सीन नदी में छलांग लगा दी थी। उन्होंने अपने साथियों के साथ तैरकर बताया कि नदी में सेरेमनी और खेल आयोजित करने में कोई परेशानी नहीं आएगी। सीन नदी में वॉटर स्पोर्ट्स इवेंट्स भी होने हैं।
  • 3 लाख दर्शकों का दावा: फ्रांसीसी मीडिया में दावा किया जा रहा है कि पेरिस ओलिंपिक में इतिहास की सबसे बड़ी ओपनिंग सेरेमनी होगी। जहां करीब 3 से 4 लाख दर्शकों के पहुंचने की संभावना है।

3. परेड में भारत का नंबर कब?

  • परेड ऑफ नेशंस में सबसे पहले ग्रीस होगा। क्योंकि 1896 में मॉडर्न ओलिंपिक गेम्स की शुरुआत ग्रीस यानी यूनान से ही हुई थी, इसलिए उन्हें हर ओलिंपिक परेड में सबसे पहले रखा जाता है। ग्रीस में ही 3000 साल पहले प्राचीन ओलिंपिक भी होते थे।
  • ओलिंपिक परेड में 5 पोजिशन हर बार तय होती है, फर्स्ट, सेकेंड, लास्ट, सेकेंड लास्ट और थर्ड लास्ट। ग्रीस के बाद दूसरे नंबर पर ओलिंपिक की रेफ्यूजी टीम होती है। आखिरी स्थान मेजबान देश का होता है, यानी फ्रांस 206 नंबर पर आएगा। उनसे ठीक पहले अगले ओलिंपिक का मेजबान और उनसे पहले उसके अगले ओलिंपिक का मेजबान होता है। यानी 2028 का मेजबान अमेरिका 205 और 2032 का मेजबान ऑस्ट्रेलिया 204 नंबर पर आएगा।
  • 5 फिक्स पोजिशन के अलावा लोकल अल्फाबेट के हिसाब से देशों की पोजिशन तय होती है। इस कारण अफगानिस्तान तीसरे नंबर पर है। जिसके चलते भारत के 117 प्लेयर्स का दल परेड ऑफ नेशन में 84वें नंबर पर रहेगा।

4. इंडिया का फ्लैग बियरर कौन?

  • शटलर पीवी सिंधु और टेबल टेनिस खिलाड़ी शरथ कमल ओपनिंग सेरेमनी परेड में भारत का झंडा लेकर चलेंगे। इनके पीछे देश के 115 खिलाड़ी होंगे। सिंधु ने 2016 ओलिंपिक में सिल्वर और 2020 में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। शरथ कमल का यह आखिरी ओलिंपिक हो सकता है। वह भारत के लिए कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीत चुके हैं।
  • 1920 में स्प्रिंटर पूर्मा बनर्जी ने पहली बार ओलिंपिक में भारत का झंडा पकड़ा था। पिछले ओलिंपिक्स में बॉक्सर मैरी कॉम और मेंस हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह तिरंगा लेकर चल रहे थे।
बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु पेरिस ओलिंपिक में भारत की फ्लैग बियरर होंगी।

बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु पेरिस ओलिंपिक में भारत की फ्लैग बियरर होंगी।

5. कहां देख सकेंगे सेरेमनी?
भारत में दर्शक टीवी पर स्पोर्ट्स-18 और ऑनलाइन माध्यम से जियोटीवी पर ओलिंपिक की ओपनिंग सेरेमनी लाइव देख सकेंगे। इसके अलावा दैनिक भास्कर ऐप पर भी आप ओपनिंग सेरेमनी के लाइव अपडेट्स फॉलो कर सकते हैं।

6. पहली बार ओलिंपिक सेरेमनी कब हुई?

  • 1896 में पहले ओलिंपिक गेम्स के साथ ही ओपनिंग सेरेमनी शुरू हो गई। इसमें खिलाड़ियों ने खेल भावना दिखाने की शपथ ली। इसका मकसद था कि ओलिंपिक गेम्स की ऑफिशियल शुरुआत हो चुकी है।
  • 1896 की सेरेमनी 60 हजार दर्शक क्षमता वाले स्टेडियम में हुई। तब से ये सेरेमनी स्टेडियम में ही होती आई थी। ओलिंपिक कमेटी ने ओपनिंग सेरेमनी को 1904 में मान्यता दी। तब तय किया गया कि सेरेमनी में परेड ऑफ नेशंस, ओलिंपिक शपथ, ओलिंपिक टॉर्च, कल्चरल परफॉर्मेंस और मेजबान देश का कल्चर दिखाया जाएगा।
  • पहली परेड ऑफ नेशंस 1908 के लंदन ओलिंपिक में हुई। मकसद था कि सभी देश और खिलाड़ी खेल शुरू होने से पहले टीम ड्रेस में एक जगह आएं। इसमें सभी देश के लीडर के हाथ में उनके देश का फ्लैग होता है।

7. ओलिंपिक टॉर्च क्या है?

  • ओलिंपिक गेम्स शुरू होने से ठीक 100 दिन पहले एक मशाल को दुनियाभर के अलग-अलग शहरों में घुमाया जाता है, ताकि लोगों को पता चल सके कि ओलिंपिक गेम्स शुरू होने वाले हैं। इस बार 16 अप्रैल को ग्रीस में ओलिंपिक टॉर्च की रिले शुरू हुई। इसके लिए भी स्पेशल लाइटिंग सेरेमनी होती है।
  • टॉर्च फ्रांस के 400 से ज्यादा शहरों में घूमने के बाद पेरिस लाई गई। 26 जुलाई को ओपनिंग सेरेमनी में ग्रीस से पहले ओलिंपिक कमेटी के मेंबर्स मशाल पकड़कर सबसे आगे रहेंगे।
  • प्राचीन ओलिंपिक गेम्स में सूर्य की किरणों से ओलिंपिक मशाल जलाई जाती थी। इसे गेम्स खत्म होने तक एक कमरे में रखा जाता था। ओलिंपिक टॉर्च को दुनिया में शांति और दोस्ती का प्रतीक माना जाता है। अब भी सूर्य की किरणों से ही ओलिंपिक की मशाल जलाई जाती है, लेकिन इसके लिए मॉडर्न टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है।
पेरिस ओलिंपिक टॉर्च के साथ फ्रांस में परफॉर्म करते आर्टिस्ट।

पेरिस ओलिंपिक टॉर्च के साथ फ्रांस में परफॉर्म करते आर्टिस्ट।

8. इंटरेस्टिंग कहानियां

  • 1904 सेंट लुईस: ओलिंपिक शपथ और फ्लैग की शुरुआत। पहली बार सेरेमनी में मशाल से आग जलाकर खेल शुरू करने की घोषणा हुई।
  • 1960 रोम: पहली बार सेरेमनी को टीवी पर ब्रॉडकास्ट किया गया।
  • 1980 मॉस्को: पहली बार लेजर शो हुआ, जिसमें बहुत बड़े ओलिंपिक फ्लैग को भी लिया गया।
  • 2000 सिडनी: सेरेमनी में यूनिटी फ्लैग आया, जिसमें नॉर्थ और साउथ कोरिया के एथलीट्स पहली बार एक साथ आए और एक यूनाइटेड फ्लैग के साथ सेरेमनी का हिस्सा बने। नॉर्थ और साउथ कोरिया का दल 2000 ओलिंपिक में ‘यूनिटी फ्लैग’ लेकर ओपनिंग सेरेमनी में शामिल हुआ।
  • 2008 बीजिंग: 100 करोड़ से ज्यादा लोगों ने टीवी पर ओपनिंग सेरेमनी लाइव देखी। यह तब दुनिया की पॉपुलेशन का 15% हिस्सा था। सेरेमनी में 10 हजार से ज्यादा आर्टिस्ट ने परफॉर्म किया था। दावा है कि यह इतिहास की सबसे महंगी ओपनिंग सेरेमनी थी। हालांकि, इसका खर्च पब्लिक नहीं किया गया।
  • 2012 लंदन: सेरेमनी में पहली बार डिजिटल टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया की थीम रखी गई।
  • 2020 टोक्यो: सेरेमनी पहली बार पोस्टपोन हुई। कोरोना वायरस के कारण 2020 की जगह 2021 में टोक्यो ओलिंपिक हुए, इसकी सेरेमनी में दर्शकों की संख्या तक को बहुत कम करना पड़ गया। कई खेल तो बगैर दर्शकों के भी हुए। हालांकि, इन गेम्स को ओलिंपिक 2020 के नाम से ही जाना जाता है।
2020 टोक्यो ओलिंपिक की ओपनिंग सेरेमनी कोरोना के चलते बगैर दर्शकों के हुई।

2020 टोक्यो ओलिंपिक की ओपनिंग सेरेमनी कोरोना के चलते बगैर दर्शकों के हुई।

क्लोजिंग सेरेमनी कब होगी?
ओपनिंग की तरह क्लोजिंग सेरेमनी भी होती है। इस बार 11 अगस्त को पेरिस के ही स्टैड डे फ्रांस में ओलिंपिक की क्लोजिंग सेरेमनी होगी। रात 7 बजे से विमेंस बास्केटबॉल का गोल्ड मेडल मैच होगा। इसके बाद रात 11:30 बजे से क्लोजिंग सेरेमनी आयोजित होगी।

ग्राफिक्स: अंकलेश विश्वकर्मा

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