मेरे दिमाग में गीता के श्लोक चल रहे थे- मनु: ​​​​​​​भाकर ने पेरिस में पदक जीतकर कहा- मैंने कर्म पर फोकस किया, फल की चिंता नहीं की

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शेटराउ8 मिनट पहले

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पेरिस ओलिंपिक में भारत को पहला मेडल दिलाने वाली मनु भाकर ने कहा कि प्रेशर सिचुएशन में भगवत गीता ने उनकी मदद की। मनु ने रविवार को विमेंस 10 मीटर एयर पिस्टल में ब्रॉन्ज जीता और ओलिंपिक में पिछले 12 साल से चले आ रहे शूटिंग के मेडल का सूख समाप्त किया। वे शूटिंग में ओलिंपिक मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।

झज्जर की 22 साल की मनु महज एक अंक से सिल्वर चूक गईं। 221.7 अंक लेकर जब वे बाहर हुईं, तो सिल्वर जीतने वाली साउथ कोरिया की येजी किम (241.3 पॉइंट्स) से सिर्फ 0.1 अंक पीछे थीं। शॉर्ट के समय आपके दिमाग में क्या चल रहा था…? इस सवाल के जवाब में मनु भाकर ने कहा- ‘मैंने बहुत गीता पढ़ी हैं, इसीलिए मेरे दिमाग में चल रहा था कि वो करो जो आप कर सकते हो और मैंने वही किया। बाकी सब भगवान पर छोड़ दिया था। हम भाग्य से नहीं लड़ सकते। आप परिणाम को कंट्रोल नहीं कर सकते।’ गीता में भगवान कृष्ण ने भी अर्जुन से यही कहा है कि ‘कर्म करो, फल की चिंता मत करो।’

एक तस्वीर, जिसका इंतजार शूटिंग फैंस पिछले 12 साल से कर रहे थे…

पेरिस ओलिंपिक में ब्रॉन्ज जीतने के बाद मनु भाकर। वे शूटिंग में ओलिंपिक मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।

पेरिस ओलिंपिक में ब्रॉन्ज जीतने के बाद मनु भाकर। वे शूटिंग में ओलिंपिक मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।

टोक्यो की निराशा से उबरने में बहुत समय लगा
मनु भाकर ने कहा- ‘टोक्यो के बाद मैं बहुत निराश थी। मुझे इससे उबरने में बहुत समय लगा। आज बहुत खुश हूं कि मैं ब्रॉन्ज जीत सकी और हो सकता है कि अगली बार इसका रंग बेहतर हो। मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। भारत को इस पदक का लंबे समय से इंतजार था। मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा।’ टोक्यो ओलिंपिक-2021 के क्वालिफिकेशन में पिस्टल की खराब हो गई थी। उसके बाद उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।

मनु की मुख्य बातें…

  • ‘भारत कई और पदकों का हकदार है, जितने संभव हो सके। यह अहसास बहुत शानदार है। इसके लिए बहुत प्रयास करना पड़ता है।’
  • ‘आखिरी शॉट में मैं अपनी पूरी ऊर्जा के साथ निशाना लगा रही थी। शायद मैं अगली स्पर्धाओं में बेहतर कर सकूं।’
  • ‘सभी दोस्तो, रिश्तेदारों और शुभचिंतकों का मेरे साथ डटे रहने के लिए धन्यवाद। उन्हीं की बदौलत मैं यहां खडी हूं। आप सभी ने मेरी जिंदगी को इतना आसान बना दिया। मैं अपने कोच जसपाल सर और मेरे कोचों का धन्यवाद देना चाहूंगी।’

घरेलू फैंस के सामने प्रेशर ट्रेनिंग, आज काम आईं
फाइनल के दौरान मनु ने प्रेशर सिचुएशन को अच्छे से हैंडल किया। मनु ने दिल्ली वर्ल्ड कप में मेडल जीतने के बाद भास्कर से कहा था कि घरेलू फैंस के सामने खेलने से प्रेशर ट्रेनिंग होती है। बहुत सारे लोग आपका उत्साह बढ़ते हैं, खराब प्रदर्शन करने पर हूटिंग भी करते हैं। यही प्रेशर ट्रेनिंग बड़े मौकों पर काम आती है। मनु ने कहा था कि ओलिंपिक में इंडिया के लिए मेडल जीतना मेरा सपना है। मनु का वह सपना आज पूरा हुआ।

मनु के समर्पण, कड़ी मेहनत और जुनून ने रंग लाया: बिंद्रा
2008 में शूटिंग में एकमात्र गोल्ड जीतने वाले अभिनव बिंद्रा ने मनु के पदक पर कहा- उनके अथक समर्पण, कड़ी मेहनत और जुनून ने सचमुच रंग दिखाया।

बिंद्रा ने X पर लिखा, ‘मनु को हार्दिक बधाई। आपकी अथक लगन, कड़ी मेहनत और जुनून ने वाकई रंग दिखाया। आपके कौशल और दृढ़ संकल्प को देखना अविश्वसनीय है, आपने हर शॉट से भारत को गौरवान्वित किया। यह उपलब्धि आपकी दृढ़ता और दृढ़ संकल्प का प्रमाण है। चमकते रहो, मनु।’

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