ट्रायल में फेल, पढ़ाई में पीछे, कैसे ओलिंपियन बने ऐश्वर्य: पिता के कंधे पर हमेशा बंदूक देखी, इसलिए स्कूल छोड़ शूटर बन गए

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‘हम राजपूत हैं। हमारे पारिवारिक जीवन में बंदूकों का रोल रहा है। घर में बंदूकें और राइफल रहती हैं। ऐश्वर्य छोटा था, 8-10 साल का रहा होगा, तब मेरे साथ खेत पर जाता था। उसने हमेशा मेरे कंधे पर बंदूक देखी है। ऐसे ही देखते-देखते बचपन से उसे बंदूकों का शौक

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ये कहानी मध्यप्रदेश के रतनपुर गांव के ठाकुर वीरबहादुर सिंह तोमर के छोटे बेटे ऐश्वर्य प्रताप सिंह की है। कहानी सुनाने वाले भी खुद ठाकुर वीरबहादुर सिंह हैं। शूटर ऐश्वर्य प्रताप सिंह पेरिस ओलिंपिक में भारत की तरफ से मेडल के दावेदार हैं। 31 जुलाई, बुधवार को वे क्वालिफाइंग राउंड में खेलेंगे। हालांकि एक वक्त ऐसा था, जब वे एकेडमी का ट्रायल पास करने में फेल हो गए थे।

खरगोन जिले के करीब एक हजार आबादी वाले रतनपुर गांव से निकलकर ऐश्वर्य प्रताप सिंह कैसे शूटिंग के स्टार बने, ये जानने हम उनके घर पहुंचे। खरगोन से रतनपुर करीब 70 किमी दूर है। तहसील झिरन्या से गांव तक की 3 किमी लंबी सड़क पिछले साल ही बनी है। हालांकि ऐश्वर्य प्रताप सिंह के घर का रास्ता अब भी कच्चा है। पढ़िए ये ग्राउंड रिपोर्ट…

बचपन से बंदूकें देखीं, उसी से करियर बना लिया
ऐश्वर्य के पापा वीरबहादुर सिंह तोमर पिछले 41 साल से रतनपुर गांव में रह रहे हैं। करीब 50 एकड़ जमीन है। उनके पास तीन बंदूकें हैं। ऐश्वर्य छोटे थे, तब पढ़ाई से ज्यादा पिता की बंदूकें उन्हें अट्रैक्ट करती थीं। स्कूल के बाद वक्त मिलता तो बंदूकें साफ करने में पापा की मदद करते थे।

वीरबहादुर सिंह तोमर बताते हैं, ‘हम लोग हमेशा बंदूक रखते हैं। मैं फसल की सुरक्षा के लिए हवाई फायर करता था, तब ऐश्वर्य मुझे देखता था। तब उसका भी बंदूक चलाने का मन होता था। वो उम्र में छोटा था, लेकिन शूटिंग उसे पसंद आने लगी।’

कोरिया में 15वीं एशियन शूटिंग के दौरान ऐश्वर्य। फोटो- aishwary_ind इंस्टा

वीरबहादुर सिंह तोमर बताते हैं, ‘खरगोन और आसपास के गांवों में बहुत मेले लगते हैं। नवग्रह मेला, झिरन्या या भगोरिया हाट, सभी में बंदूकों से गुब्बारे फोड़ने के स्टॉल लगते थे। ऐश्वर्य वहां निशाने लगाने की जिद करता था।’

ऐश्वर्य को विराट कोहली का खेल पसंद
ऐश्वर्य स्टार शूटर हैं, लेकिन उनके फेवरेट प्लेयर कौन हैं? वीरबहादुर सिंह जवाब देते हैं, ‘ऐश्वर्य को क्रिकेट पसंद है। कभी-कभार क्रिकेट खेलता है। विराट कोहली का फैन है। उसे विराट का क्रिकेट के लिए पैशन अच्छा लगता है। वे फंसे हुए मैच निकाल लेने में माहिर हैं। हालात मुश्किल होने के बाद भी उन्होंने कई बार इंडिया को मैच जिताए हैं। इसलिए वो विराट से बहुत प्रभावित है।’

‘अक्टूबर, 2022 में टी-20 वर्ल्ड कप में विराट ने अकेले 82 रन बनाकर पाकिस्तान से मैच छीन लिया था। ऐश्वर्य को वो पारी बहुत पसंद आई। तब ऐश्वर्य ने विराट कोहली से बात भी की थी। पिछले ओलिंपिक के दौरान भी मोबाइल पर उनकी बात हुई।’

टोक्यो ओलिंपिक के वक्त कोहली और साउथ अफ्रीका के प्लेयर एबी डिविलियर्स ने वीडियो कॉल पर ऐश्वर्य को मेडल के लिए शुभकामनाएं दी थीं।

टोक्यो ओलिंपिक के वक्त कोहली और साउथ अफ्रीका के प्लेयर एबी डिविलियर्स ने वीडियो कॉल पर ऐश्वर्य को मेडल के लिए शुभकामनाएं दी थीं।

शूटिंग एकेडमी के लिए सिलेक्ट हुए तो पिता को हैरानी हुई
वीरबहादुर सिंह तोमर बताते हैं, ‘ऐश्वर्य के दादाजी के निधन के बाद बड़ा बेटा होने के नाते पूरी जिम्मेदारी मुझ पर आ गई थी। मैं 12वीं तक फर्स्ट डिवीजन से ही पास होता था। इंजीनियर बनना चाहता था, लेकिन पढ़ाई नहीं कर पाया। फिर मैं अपनी ख्वाहिशें बेटे में देखने लगा।’

‘ऐश्वर्य की शुरुआती पढ़ाई रतनपुर से 5 किमी दूर झिरन्या में हुई है। उसके चाचा नीतिराज सिंह तोमर बाइक पर बैठाकर रोज स्कूल छोड़ने जाते थे। आगे की पढ़ाई के लिए हमने उसे खरगोन भेज दिया। वहां ऐश्वर्य ने 8वीं तक की पढ़ाई की।’

कोरिया में एशियन शूटिंग चैंपियन में गोल्ड जीतने के बाद ऐश्वर्य। फोटो- aishwary_ind इंस्टा

कोरिया में एशियन शूटिंग चैंपियन में गोल्ड जीतने के बाद ऐश्वर्य। फोटो- aishwary_ind इंस्टा

‘मेरा भांजा नवदीप सिंह राठौड़ CISF में है। वो भी इंटरनेशनल शूटर है। नवदीप 2010 में सिंगापुर में हुए यूथ ओलिंपिक में भारतीय टीम में शामिल था। पढ़ाई के दौरान ऐश्वर्य नवदीप से बहुत प्रभावित था। एक दिन ऐश्वर्य ने कहा कि मैं नवदीप भैया के साथ जाना चाहता हूं। नवदीप ने भी मुझसे यही बात कही।’

‘उस वक्त गर्मी की छुट्टियां थीं। ऐश्वर्य नवदीप के साथ चला गया। हमने 2014 में ऐश्वर्य को एकेडमी के समर कैंप में भोपाल भेज दिया। तब उसका सिलेक्शन नहीं हुआ। एक साल तक वो दूसरी रेंज में प्रैक्टिस करता रहा। 2015 में भी हमने उसे एकेडमी भेजा। इस बार वो सिलेक्ट हो गया।’

‘नवदीप का मेरे पास फोन आया कि ऐश्वर्य सिलेक्ट हो गया है, आगे क्या करना है। मैंने सोचा कि पता नहीं कैसे इसका सिलेक्शन हुआ है। मैंने नवदीप से कहा कि सोचकर बताऊंगा। छोटे भाई नीतिराज से राय ली। फिर तय किया कि ऐश्वर्य को एकेडमी में ही भेज देते हैं, क्योंकि उसका पढ़ाई में ज्यादा मन नहीं लगता है।

‘अब शूटिंग करते हुए उसे 8 साल हो गए हैं। ओलिंपिक तक पहुंचकर उसने खुद को साबित किया है। मुझे लगता है कि ये बहुत बड़ी उपलब्धि है। इससे पहले वो टोक्यो ओलिंपिक में भी हिस्सा ले चुका है। इस बार उम्मीद है कि बेटा ओलिंपिक में मेडल दिलाएगा।’

15 साल की उम्र में शूटिंग एकेडमी में एंट्री मिली
olympics.com के मुताबिक, नवदीप ने ऐश्वर्य के पिता से वादा किया था कि मैं ऐश्वर्य की पढ़ाई की गारंटी नहीं दे सकता, लेकिन मैं उन्हें प्रोफेशनल शूटर बनाऊंगा।

सिर्फ 15 साल की उम्र में ऐश्वर्य ने नवदीप के साथ मध्यप्रदेश शूटिंग एकेडमी जॉइन की। हालांकि पहले ट्रायल में उनका सिलेक्शन नहीं हुआ था। नवदीप ने तय किया कि ऐश्वर्य को अच्छी ट्रेनिंग मिले, ताकि वो ट्रायल पास कर सके और एकेडमी में प्रवेश ले सके। वे उसे भोपाल की शूटिंग रेंज में ले जाकर प्रैक्टिस कराते थे।

मध्यप्रदेश शूटिंग एकेडमी के समर कैंप में उनका रजिस्ट्रेशन करा दिया। आखिर मेहनत रंग लाई और ऐश्वर्य को एकेडमी में एंट्री मिल गई। उन्होंने नवदीप से ट्रेनिंग लेनी शुरू की। एकेडमी में उनके पहले कोच वैभव शर्मा थे।

ऐश्वर्य ने 15 साल की उम्र में एमपी शूटिंग एकेडमी जॉइन की। फोटो- aishwary_ind इंस्टा

ऐश्वर्य ने 15 साल की उम्र में एमपी शूटिंग एकेडमी जॉइन की। फोटो- aishwary_ind इंस्टा

नवदीप सिंह राठौड़ ने ओलिंपियन गगन नारंग की एकेडमी गन्स फॉर ग्लोरी से स्पेशल राइफल कोच का भी इंतजाम किया। कोच एक महीने के लिए मध्यप्रदेश शूटिंग एकेडमी आए और ऐश्वर्य को ट्रेनिंग दी।

ऐश्वर्य के मेंटॉर नवदीप कहते हैं, ‘2015 में पहले नेशनल्स में उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया, क्योंकि उनकी बट प्लेट तय लेवल से एक सेमी नीचे थी। इस पर ऐश्वर्य ने कहा था कि वो सबसे मुश्किल वक्त था। मैं सभी बच्चों को शूटिंग करते देखता था और मुझे हॉस्टल में अकेले रहना पड़ता था। मैं पहले कभी अकेले रहा भी नहीं, तो ये बहुत मुश्किल था।’

टोक्यो ओलिंपिक में 21वें नंबर पर रहे, इस बार गोल्ड के दावेदार
23 साल के ऐश्वर्य 50 मीटर एयर राइफल थ्री-पोजिशन इवेंट में हिस्सा लेंगे। वे टोक्यो ओलिंपिक में भी उतरे थे, लेकिन 21वें नंबर पर रहे और फाइनल में नहीं पहुंच पाए थे। ऐश्वर्य क्वालिफाइंग राउंड में 31 जुलाई और फाइनल में 1 अगस्त को मेडल के लिए निशाना लगाएंगे।

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